UP Police Constable PET Exam Notice: उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2025 की फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एंव प्रोन्नति बोर्ड ने 6 फरवरी को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट करते हुए फिजिकल टेस्ट के दौरान घड़ी पहनने को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया है. जी हाँ उम्मीदवारों को कलाई घड़ी का इस्तेमाल करने से मना कर दिया गया है, हालांकि भर्ती बोर्ड ने फिजिकल इफिशियंसी टेस्ट में डिजिटल घड़ी की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है.
बोर्ड का कहना है कि “आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती 2023 के अंतर्गत फिजिकल इफिशिएंसी टेस्ट के दौरान कुछ उम्मीदवारों ने कलाई पर बांधने वाले घड़ी की मांग की थी”, इन अनुरोधों पर विचार करने के बाद बोर्ड ने निर्णय लिया है कि अब शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान उम्मीदवार किसी भी प्रकार की कलाई घड़ी का उपयोग नहीं करेंगे और बोर्ड द्वारा पीईटी स्थल पर डिजिटल घड़ी का प्रबंधन स्वयं किया जाएगा.
कब शुरू होगा फिजिकल टेस्ट?
फिजिकल टेस्ट के लिए सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों को चयनित किया जाता है जो पीएसटी (फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट) और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में सफल होते हैं और अब फिजिकल एफिशियंसी टेस्ट की शुरुआत 10 फरवरी 2025 से होगी, इसके अंतर्गत महिला उम्मीदवारों को 14 मिनट में 2.4 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होगी वहीं पुरुष उम्मीदवारों को 25 मिनट में 4.8 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होगी.
स्टेप-2 के लिए ऐडमिट कार्ड इस दिन होंगे जारी
जिन उम्मीदवारों का पीएसटी और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 24 जनवरी 2025 तक पूरा हो चुका है उन उम्मीदवारों के फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट के ऐडमिट कार्ड जारी हो चुके है और जो उम्मीदवार डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में हैं उनके ऐडमिट कार्ड अभी जारी नहीं हुए हैं, जिन उम्मीदवारों के पीएसटी और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन टेस्ट 24 जनवरी 2025 के बाद हुए हैं उनका पीईटी ऐडमिट कार्ड 10 फरवरी 2025 से डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाएंगे.
यूपी की सबसे बड़ी सीधी भर्ती
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2025 में सफल उम्मीदवारों को शुरुआत 9 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी. डीजीपी प्रशांत कुमार मंगलवार की बैठक में कहा गया “प्रदेश की सबसे बड़ी सीधी भर्ती है, अंतिम चरण में पास होने वाले अभ्यर्थियों को करेक्टर सर्टिफिकेट उनके गृह जिलों में करवाया जायेगा”, इसके बाद ही एक महीने की प्रारंभिक ट्रेनिंग अलग अलग 75 जिलों में करवाई जाएगी और 9 महीने की ट्रेनिंग दूसरे केंद्रों पर करवाई जाएगी.