CBSE बोर्ड ने लिया बड़ा एक्शन: सीबीएसई बोर्ड द्वारा डमी स्कूलों को लेकर सख्त कार्रवाई की गई है. जो छात्र ऐसे स्कूलों से बारहवीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही डमी कल्चर को बढ़ावा देने वाले स्कूलों पर नियम के अनुसार कार्रवाई भी होगी. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा अभिभावकों और स्टूडेंट्स को इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं.
बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि अगर कोई छात्र बोर्ड के निरीक्षण के दौरान स्कूल में नहीं मिलता है, तो उसे बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी. इस तरह से एडमिशन की पूरी जिम्मेदारी अभिभावकों और छात्रों की रहेंगी. वे सुनिश्चित करें कि छात्र रेगुलर स्कूल अटेंड करें.
डमी स्कूल क्या है?
जो छात्र इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. वे डमी कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं, ऐसे में उन्हें कॉलेज जाने की जरूरत नहीं होती है केवल बोर्ड परीक्षा में बैठना होता है और इससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं पर ध्यान दे पाते हैं, जबकि यह बोर्ड के नियमों के विरुद्ध है. बीते साल डमी स्कूलों पर बोर्ड द्वारा कार्रवाई की गई थी. जिसमें 20 से ज्यादा स्कूल शामिल थे.
75% अटेंडेंस होगी अनिवार्य
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा अटेंडेंस को लेकर भी सख्ती दिखाई जा रही है और अब बोर्ड द्वारा कुछ नियमों में बदलाव भी किया गया है. जिन छात्रों की अटेंडेंस 75% से कम होगी उन्हें बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी. स्पोर्ट्स प्रतिभागी और अन्य गंभीर कारणों जैसे मामलों में विद्यार्थियों को सिर्फ 25% की छूट मिलेगी, लेकिन इसके लिए भी छात्र को जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे और इस संबंध में बोर्ड द्वारा नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
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सीबीएसई कर रहा है नियमों में बदलाव की तैयारी
सीबीएसई बोर्ड द्वारा रमेश गोयल के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई के अंतर्गत परीक्षा नियमों में बदलाव की तैयारी की जा रही है और शासकीय बोर्ड बैठक में इस का मुद्दा भी उठाया गया है. इस बैठक में डमी स्कूलों में नामांकित छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने से रोकने की सिफारिश भी की गई है और ये नियम सेशन 2025-26 में लागू किए जाएंगे. हालांकि इसके बाद सभी छात्रों के पास राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से परीक्षा देने की अनुमति रहेगी.