आज हर व्यक्ति अपना करियर एक अच्छे मुकाम पर बनाना चाहता है कोई आर्मी में जाना चाहता है तो कोई डॉक्टर बनना चाहता है और किसी का सपना होता है की वह जज बने और न्याय करके लोगो की सेवा करे तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की जज कैसे बनते है इसका सिलेक्शन प्रोसेस क्या है और सैलरी कितनी मिलती है तो इस आर्टिकल “जज कैसे बने? पूरी जानकारी” को पूरा पढ़े.
जज कौन होता है?
जज को न्यायधीश भी कहते है जज हमारी कानून और न्याय व्यवस्था का प्रमुख होता है किसी भी मुद्दे पर दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद वैधानिक तरीके से बिना किसी भेदभाव के उन्हें न्याय देना और अपराधी को दंड देना एक जज का कर्त्तव्य होता है इस पद में बहुत शक्ति होती है क्षण भर में ही किसी को जीवन भर के लिए कैद और मृत्यु तथा जीवन दान देने की शक्ति होती है.
जज बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
जज/न्यायधीश बनने के लिए आपके पास निम्नलखित योग्यताये होनी चाहिए.
शैक्षणिक योग्यता
जज बनने के लिए पीसीएस जे परीक्षा देनी होती है जिसके लिए लोक सेवा आयोग ने कुछ मापदंड रखे है.
- आपको सबसे पहले 12वी पास करनी होगी.
- इसके बाद CLAT परीक्षा पास करके किसी भी लॉ यूनिवर्सिटी से वकालत की पढाई करनी होगी.
- यदि आप ग्रेजुएशन के बाद लॉ करना चाहते है तो आपको तीन साल की लॉ बैचलर डिग्री पूरी करनी होगी.
- लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद आपको ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा.
उम्र-सीमा
जज बनने के लिए उम्मीदवार लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद न्यूनतम 22 वर्ष और अधितम 35 वर्ष की आयु तक आवेदन कर सकते है.
जज बनने की प्रक्रिया क्या होती है?
- जज बनने की प्रक्रिया में सबसे पहले आपको ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा.
- इसके लिए पीसीएस जे परीक्षा का आयोजन स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा किया जाता है.
- पीसीएस जे परीक्षा के तीन चरण होते है पहला प्रारम्भिक परीक्षा दूसरा मुख्य परीक्षा और अंतिम इंटरव्यू.
- यह परीक्षा 1550 अंको की होती है.
- जो इन तीनो चरणों को पास कर लेता है उसके बाद मेरिट बनती है और मेरिट के आधार पर जज की नियुक्ति की जाती है.
आवेदन
जज बनने के लिए सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा आवेदन के बाद परीक्षा तिथि का इंतजार करना होगा और परीक्षा मे बैठना होगा.
प्रारम्भिक परीक्षा
आवेदन करने के बाद आपकी प्रारम्भिक परीक्षा होती है जो ऑफलाइन मोड में होती है इसमे ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते है जो GS, GK, हिंदी, इंग्लिश, और आपके सिलेबस से होते है.
इसमें नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है इसमें आपके दो पेपर होते है जिनमे से पहला 300 अंको का तथा दूसरा 150 अंक का होता है प्रारम्भिक परीक्षा कुल 450 अंक की होती है.
मुख्य परीक्षा
प्रारम्भिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा होती है जिसमे आपके कुल 6 पेपर होते है जो GK, हिंदी, इंग्लिश, विधिशास्त्र से होते है यह परीक्षा कुल 1000 अंको की होती है यह लिखित परीक्षा होती है जिसमे सब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते है इस परीक्षा को पास करके आप इंटरव्यू के लिए जा सकते है.
साक्षात्कार
मुख्य परीक्षा पास करने के बाद आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है जिसमे आपसे कुछ सवाल जवाब किये जाते है इसमें आपका पर्सनालिटी टेस्ट किया जाता है मानसिक और तार्किक शक्ति का परीक्षण किया जाता है यह परीक्षा 100 अंको की होती है.
नियुक्ति
सभी परीक्षाएं पास करने के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाती है और उसी लिस्ट के आधार पर जज की नियुक्ति होती है पहले जज को छोटे न्यायालयों में नियुक्त किया जाता है और फिर 7 साल का अनुभव हो जाने के बाद हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया जाता है.
जज की शक्तियां और कार्य क्या है?
एक जज बनने के बाद आपके पास बहुत सी शक्तियां होती है और इसके साथ ही कई सारी जिम्मेदारियां भी होती हैं जज का कार्य दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बिना किसी भेदभाव के न्याय करना और अपराधी को दंड देना होता है यदि कोई व्यक्ति कानून का उलंघन करता है तो उसे भी दंड देना इसके साथ ही वैधानिक नियमानुसार किसी को मुक्त भी कर सकता है.
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जज की सैलरी कितनी होती है?
जज बनने के बाद आपके पद के अनुसार आपको सैलरी दी जाती है यदि आपकी नियुक्ति निचली न्यायपालिका में हुई है तो आपकी सैलरी लगभग 30 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह के बीच होती है किन्तु यदि आप हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज है तो आपका वेतन 1 लाख रुपये से लेकर 2 लाख रुपये प्रति महिमा तक हो सकता है.
उम्मीद है कि आपको आज का हमारा आर्टिकल “जज कैसे बने? पूरी जानकारी” पसंद आया होगा यदि आप ऐसे ही किसी अन्य विषय के बारे में जानना चाहते है तो हमें कमेंट कर सकते है.