Judge banne ke liye kitni age honi chahiye: अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कानूनी तौर पर फैसला सुनाने वाले व्यक्ति को जज कहते है। अकेले या अन्य जजों के साथ भी मिल कर अदालत के फैसले सुनाते है। जज बनने के लिए लॉ की डिग्री होना अनिवार्य है।जज के पास कानूनी तौर पर गिरफ़्तारी वारंट, तलाशी वारंट और अदालत के आदेश जारी करने का अधिकार होता है। जज का मुख्य काम, जज के लिए योग्यताएं, जज बनने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए, जज की पढाई आदि के बारे में जानकारी के लिए इस आर्टिकल (Judge banne ke liye kitni age honi chahiye) को पूरा पढ़ें।
जज कौन होते है और इनका मुख्य काम क्या होता है?
वह व्यक्ति जो अदालत में क़ानूनी तौर पर सुनवाई करता है उसे जज कहते है जज दोनों पक्षों के बयान और सबूत लेता है। पेश किये गए सबूतों की तहकीकात करता है फिर एक या अन्य जज मिलकर उन दलीलों और सबूतों के अनुसार कानून की व्याख्या के आधार पर फैसला सुनाते है। जजों के पास न्यायिक सौतंत्रता होती है जिसके कारण उनका मुख्य काम जटिल मामलो की अदालती कार्यवाही को खुला रखना जब तक उसके ठोस सबूत और बयान की ठीक तरह से जाँच ना पूरी हो।
जज बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं
जज के भी अलग-अलग पद होते है हर पद के अनुसार कुछ योग्यताएं होना ज़रूरी होती है। उम्मीदवार को जज बनने के लिए 12वीं कक्षा किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से पास होना अनिवार्य है। उम्मीदवार 12वीं के बाद एलएलबी प्रोग्राम में आवेदन कर सकते है यह 5 वर्ष की लॉ डिग्री होती है। जज बनने के लिए जुडिशियल सर्विस प्रतियोग्यता की परीक्षा पास करनी होती है। हाई कोर्ट जज बनने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 10 साल तक अबिवक्ता रहना पढता है, सुप्रीम कोर्ट जज बनने के लिए उम्मीदवार को 5 साल तक हाई कोर्ट का जज रहना होता है, जिला जज बनने के लिए उम्मीदवार को लॉ में डिग्री होना अनिवार्य है उसके साथ 7 साल तक किसी कोर्ट में अभिवक्ता के तौर पर काम करना होता है।
जज बनने के लिए कितनी उम्र होनी चाहिए
जज के अलग-अलग पद के अनुसार आयु सीमा भी अलग होती है जज बनने के लिए न्यायिक सेवा परीक्षा में आवेदन करने की न्यूनतम आयु 22 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए। अगर आपकी उम्र इस आयु सीमा के बीच है तो आप जज की परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते है। जज के पदों के लिए आयु सीमा अलग-अलग राज्य के अनुसार होती है। आरक्षित वर्ग के अनुसार उम्मीदवारों को नियमानुसार ऊपरी आयु सीमा में छुट मिलती है। जिला जज बनने के लिए आयु सीमा 35 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए और हाई कोर्ट जज के लिए आयु सीमा 35 से 50 वर्ष की उम्र के बीच होनी चाहिए।
जज बनने के लिए कौनसी पढाई करनी होती है?
उम्मीदवार 12वीं के बाद एलएलबी प्रोग्राम में आवेदन कर सकते है यह 5 वर्ष की लॉ डिग्री होती है। कोई भी उम्मीदवार भारतीय न्यायिक सेवा में न्यायधीश बनना चाहता है तो उसे न्यायिक सेवा परीक्षा या पीसीएस परीक्षा देनी होगी जो उम्मीदवार कानून की डिग्री ले चुके है वह अधिनस्थ न्यायालयों के न्यायधीश बनने के पात्र है। जो उम्मीदवार परीक्षाओं को पास कर लेते है उनके लिए आगे 2 तरह की परीक्षा होती है निम्न न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा।
जज की पॉवर क्या होता है?
जज के पास कानूनी तौर पर गिरफ़्तारी वारंट, तलाशी वारंट और अदालत के आदेश जारी करने का अधिकार होता है। किसी भी केस पर अदालत में निर्णय लेते समय किसी तरह के दबाव नही लेना होता है। जज को पूरी तरह से सरकारी शक्ति मिलती है पुलिस, न्यायिक, अधिकारीयों की तलाशी, गिरफ़्तारी, सज़ा, हिरासत और निर्वासन आदि, इस तरह की कार्यवाही को अंजाम देने का आदेश दे सकते है। देश के नियमों में बाधा को रोकने के लिए इस तरह की महत्वपूर्ण शक्ति जज को प्रदान करी जाती है। जज के पास कठिन सज़ा सुनाने का अधिकार होता है।
जज की सैलरी क्या होती है?
जज के पदों के अनुसार उनकी सैलरी होती है चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया की सैलरी लग-भग 2 लाख 80 हज़ार मिलती है इसके अलावा अलग से अन्य अलावेंस भी मिलते हैं और वही सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की सैलरी लग-भग 2 लाख 50 हज़ार हो सकती है।
निष्कर्ष-
इस आर्टिकल (Judge banne ke liye kitni age honi chahiye) से आपको जज बनने की उम्र, जज की योग्यताएं क्या होती है, जज की परीक्षा क्या होती है, जज की पॉवर आदि के बारे में सभी जानकारी दी गयी है आशा करते है यह आर्टिकल आपके लिए हेल्पफुल रहा होगा। इसके अलावा किसी अन्य विषय में जानकारी चाहिए तो हमे कमेन्ट में बताएं।