यदि आप सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं और डीएम बनना चाहते है तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको इससे सम्बंधित सभी जानकारियां प्रदान करेंगे इसलिए आर्टिकल “डीएम कैसे बनें? पूरी जानकारी” को अंत तक जरूर पढ़ें.
DM का फुल फॉर्म क्या होता है?
DM का फुल फॉर्म District Magistrate (डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट) होता है.
DM कौन होता है?
DM यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी पोस्ट होती है डीएम सरकार द्वारा नियुक्त जिले का एक सर्वोच्च अधिकारी होता है किसी भी जिले में सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्य या प्रशासनिक सेवा को जनता तक पहुँचाने का कार्य DM की देखरेख में होता है जिले की पूरी जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट के ऊपर ही होती है.
जिले का पूरा पुलिस प्रशासन डीएम के अंडर में काम करता है जिले में होने वाली सभी प्रसाशनिक गतिविधियाँ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की निगरानी में होती है जिसके लिए ये जिम्मेदार होता है.
DM बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए?
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनने के लिए उम्मीदवार में UPSC द्वारा निर्धारित सभी पात्रताएं होनी चाहिए.
शैक्षिक योग्यता
- डीएम बनने के लिए उम्मीदवार को सबसे पहले 12th पास करनी होगी.
- आप किसी भी स्ट्रीम से 12th पास कर सकते हैं.
- इसके बाद आपके पास किसी भी स्ट्रीम में बैचलर यानि ग्रैजुएशन की डिग्री होनी अनिवार्य है.
- इसके लिए आप कोई भी बैचलर कोर्स कर सकते है.
उम्र सीमा
- DM बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 21 से 32 वर्ष के बीच में होनी चाहिए.
- इसमें अधिकतम उम्र सीमा में ओबीसी वर्ग को 3 साल और एससी/एसटी वर्ग को 5 साल की छूट प्रदान की जाती है.
DM कैसे बने?
DM पद हेतु UPSC द्वारा सिविल सर्विस एग्जाम का आयोजन किया जाता है जब एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन जारी की जाये तो फॉर्म अप्लाई करना होगा इसके बाद तीन चरणों में एग्जाम आयोजित किये जायेंगे.
- प्रारंभिक परीक्षा
- मुख्य परीक्षा
- इंटरव्यू
तीनों चरणों की परीक्षा क्लियर करने के बाद आपको ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है जो 6 महीने से लेकर 1 साल तक हो सकती है इसके बाद आप एक IAS ऑफिसर बन जाते हैं और फिर रैंक के हिसाब से पोस्टिंग होती है.
(UPSC) DM का एग्जाम पैटर्न क्या है?
अगर हम बात करें UPSC के एग्जाम पैटर्न की तो इसमें तीन चरण होते हैं प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू
प्रारंभिक परीक्षा
इसमें 2 पेपर होते है प्रत्येक प्रश्नपत्र 200 अंक का होता है जिसे हल करने के लिए 2:30 घंटे का समय दिया जाता है इसमें ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाते है इसमें नेगेटिव मार्किंग भी की जाती है.
मुख्य परीक्षा
मुख्य परीक्षा सब्जेक्टिव होती है जिसमें कुल 9 पेपर कराए जाते हैं जिसमें 7 पेपर अनिवार्य विषय के होते है और 2 पेपर सिर्फ क्वालिफाइ करने होते हैं जिनके नंबर मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाते है.
इंटरव्यू
इंटरव्यू 30-40 मिनट का होता है यह एक प्रकार का पर्सनैलिटी टेस्ट होता है जिसमें उम्मीदवार से कुछ सवाल जवाब किये जाते है मानसिक और तार्किक शक्ति का परीक्षण किया जाता है इसी के आधार पर अंक प्रदान किये जाते है इंटरव्यू 100 अंक का होता है.
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DM की सैलरी कितनी होती है?
यदि DM की सैलरी की बात की जाये तो शुरुआती सैलरी लगभग 56,000 रुपये प्रतिमाह हो सकती है इसके बाद अनुभव बढ़ने के साथ ही आपकी सैलरी में भी बढ़ोत्तरी होगी सैलरी के अलावां DM को सरकार द्वारा अन्य भत्ते और सुविधाए भी प्रदान की जाती है.
उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आज का आर्टिकल “डीएम कैसे बनें? पूरी जानकारी” पसंद आया होगा यदि आपको ऐसे ही किसी अन्य विषय के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं.