PhonePe, Google Pay और Paytm पर चार्ज लगाने की मांग: देश में डिजिटल पेमेंट का चलन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। खासकर UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ने आम जनता के लेन-देन को बेहद सरल और त्वरित बना दिया है। PhonePe, Google Pay और Paytm जैसे प्लेटफॉर्म्स पर करोड़ों यूजर्स रोजाना पैसे भेजते और प्राप्त करते हैं। लेकिन हाल ही में एक बड़ा सवाल उठने लगा है – क्या इन डिजिटल पेमेंट्स पर चार्ज लगेगा?
चार्ज लगाने की मांग क्यों उठी?
कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मांग की है कि UPI ट्रांजैक्शन पर एक नाममात्र शुल्क लगाया जाए। इनका तर्क है कि इतने बड़े पैमाने पर मुफ्त ट्रांजैक्शन करने से बैंकिंग सिस्टम पर बोझ बढ़ रहा है और इससे संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने में लागत आती है।
PhonePe, Google Pay और Paytm जैसी कंपनियां इन ट्रांजैक्शनों को प्रोसेस करने के लिए टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करती हैं, जिसकी रखरखाव लागत होती है। ऐसे में यह सवाल उठाया गया कि क्या इन कंपनियों को भी कुछ चार्ज वसूलने की अनुमति दी जानी चाहिए?
मामला पीएम मोदी तक पहुंचा
अब यह मुद्दा सिर्फ बैंकों और कंपनियों के बीच नहीं रह गया है, बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ उद्योग प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को ज्ञापन सौंपा है जिसमें यह अनुरोध किया गया है कि UPI ट्रांजैक्शन को भी एक “सस्टेनेबल बिजनेस मॉडल” के तहत लाया जाए।
हालांकि, सरकार पहले भी साफ कर चुकी है कि UPI ट्रांजैक्शन “फ्री, फास्ट और सेफ” रहेंगे। पिछले साल वित्त मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया था कि UPI पर किसी प्रकार का शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है और इसके लिए सरकार सालाना फाइनेंशियल सपोर्ट देती है।
यूजर्स पर क्या असर होगा?
अगर UPI पेमेंट्स पर चार्ज लगाया जाता है, तो इसका सीधा असर आम यूजर्स पर पड़ेगा। आज लोग सब्ज़ी वाले से लेकर किराना स्टोर तक डिजिटल पेमेंट करते हैं। यदि हर ट्रांजैक्शन पर मामूली चार्ज भी लगता है, तो महीने के अंत में यह एक बड़ी राशि बन सकती है। इससे डिजिटल लेन-देन का आकर्षण कम हो सकता है और लोग दोबारा कैश की ओर रुख कर सकते हैं।
सरकार का रुख क्या है?
अब तक सरकार का झुकाव डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की ओर रहा है। “डिजिटल इंडिया” अभियान के तहत सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस सिस्टम अपनाएं। ऐसे में UPI पर चार्ज लगाने का कदम सरकार की इस नीति के विपरीत होगा।
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निष्कर्ष:
हालांकि UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज लगाने की मांग तेज हो रही है और मामला पीएम मोदी तक पहुंच गया है, लेकिन फिलहाल सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी तक UPI पेमेंट्स पर कोई शुल्क नहीं लग रहा है। लेकिन भविष्य में इस पर नीति में बदलाव हो सकता है, इस पर सरकार और RBI का रुख महत्वपूर्ण रहेगा।