केंद्र सरकार से मदद की मांग: भारत की सबसे पुरानी टेलीकॉम कंपनियों में से वोडाफोन आइडिया है, जिसका सिक्का आज से लगभग 10 साल पहले काफी ज्यादा चलता था, लेकिन जब से जियो लॉन्च हुआ है. उसके बाद से आइडिया भारतीय टेलीकॉम मार्केट में अपने वजूद के लिए लगातार संघर्ष कर रही है और एक बार फिर से वोडाफोन आइडिया सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कह रही है कि कंपनी अपने एडजस्ट ग्रॉस रेवेन्यू को लेकर काफी मुश्किलों में है और उसे अपने पुराने स्पेक्ट्रम का भुगतान भी करना है.
जिससे उसे काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और इसे लेकर केंद्र सरकार से राहत की मांग की है. टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल ने कंपनी की तरफ से 11 मार्च 2025 को केंद्र सरकार की तरफ से एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सरकार से अपने कर्ज के एक बड़े हिस्से की हिस्से को क्वांटिटी में बदलने की मांग की. अगर ये प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है तो सरकार वोडाफोन आइडिया में मौजूद हिस्सेदारी जो कि 22.4% से बढ़कर 49% कर दी जाएगी.
इससे कंपनियों को अपने फाइनेंशियल कंडीशन में आ रहीं समस्याओं से राहत मिलेगी. मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी के ऊपर टोटल 36,950 करोड़ रुपए का बकाया है, जिसमें से कंपनी को 13,089 करोड़ रुपये का भुगतान आने वाले कुछ हफ्तों में ही करना होगा.
मंजूरी मिलने पर 52,000 करोड़ तक की मिल सकती है राहत
अगर वोडाफोन आइडिया द्वारा की गई मांग को उस केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है तो इससे वोडाफोन आइडिया को लगभग 52,000 करोड़ों रुपए तक का राहत मिलेगा. कुछ खबरों के अनुसार, ये भी जानकारी मिली है कि सरकार बकाया राशि में किसी भी प्रकार की छूट देने के मूड में बिल्कुल नहीं है.
जानकारी के अनुसार वोडाफोन आइडिया की ये मुश्किलें ना सिर्फ उनके लिए बल्कि उनके ग्राहकों और टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी हानिकारक साबित हो सकती है. अगर वोडाफोन आइडिया अपने फाइनेंसियल कंडीशन में सुधार नहीं करती है तो टेलीकॉम सेक्टर में कॉम्पटीशन कम हो सकता है, इस कम होती कॉम्पिटिटिव चुनौती के कारण टेलीकॉम सेक्टर की अन्य कंपनियां ग्राहकों से मनमानी कर सकते हैं.
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टेलीकॉम सेक्टर में ये तीन बड़ी कंपनियां है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान समय में टेलीकॉम सेक्टर में ये तीन बड़ी कंपनियां हैं. जिनका नाम हैं रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारतीय एयरटेल. अगर वोडाफोन आइडिया कंडीशन में सुधार नहीं कर पाती है, तो भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में मुश्किलें आ सकती है.
वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले एक क्यूरेटिव पेटिशन दायर करके एजीआर के गणना में गैर कोर राजेश को जोड़ने का विरोध किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस याचिका को खारिज कर दिया गया था जिससे कंपनी को बड़ा झटका लगा.