मजदूरी करने वाले किशोरों को मिलेंगे 25 हजार रुपये: बिहार सरकार ने बाल श्रम के उन्मूलन और किशोर श्रमिकों के पुनर्वास के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब 14 से 18 वर्ष के बीच के किशोर श्रमिकों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। यह कदम बाल श्रमिकों के साथ-साथ किशोर श्रमिकों के पुनर्वास में सहायक होगा। इसके बारे में आर्टिकल में हम आपको डिटेल में जानकारी देंगे।
नए नियमों के तहत विस्तार
श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने बताया कि पहले केवल 14 वर्ष से कम आयु के बाल श्रमिकों को ही यह अनुदान मिलता था। हाल ही में किए गए निर्णय के अनुसार, 14 से 18 वर्ष के बीच के किशोर श्रमिकों को भी यह सहायता मिलेगी, बशर्ते उनका विवरण चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम (CLTS) में दर्ज हो।
अनुदान का उद्देश्य
इस अनुदान का मुख्य उद्देश्य किशोर श्रमिकों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाना, उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उनके पुनर्वास में सहायता प्रदान करना है। सरकार का लक्ष्य है कि ये किशोर श्रमिक अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
वर्तमान स्थिति और सरकार की पहल
हालांकि, बिहार में बाल श्रम की समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई है। इसलिए, सरकार ने जागरूकता अभियान तेज किया है और मुखिया, सरपंच जैसे जनप्रतिनिधियों की मदद से विशेष अभियान चला रही है ताकि बाल श्रमिकों की पहचान की जा सके और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
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समाज की भूमिका
बाल श्रम के उन्मूलन में समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। समाज को चाहिए कि वह बाल श्रमिकों की पहचान करें, उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करें और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में सहयोग करें। इससे न केवल बच्चों का भविष्य सुधरेगा, बल्कि समाज में समृद्धि और विकास की दिशा में भी योगदान होगा।