Pashu Bima Yojana: हरियाणा सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए पशुधन बीमा योजना शुरू की है, जिसके तहत विभिन्न प्रकार के पशुओं का बीमा किया जा सकता है। इस योजना के माध्यम से, यदि बीमित पशु की आकस्मिक मृत्यु होती है, तो सरकार मुआवजा प्रदान करती है, जिससे पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
बीमित पशुओं के लिए मुआवजा राशि:
भैंस: 88,000 रुपये
गाय: 80,000 रुपये
घोड़ा: 40,000 रुपये
भेड़, बकरी, सूअर: 5,000 रुपये
प्रीमियम विवरण:
बड़े पशु (गाय, भैंस, बैल, ऊंट): 3 वर्षों के लिए 100 रुपये का प्रीमियम
छोटे पशु (भेड़, बकरी, सूअर): 3 वर्षों के लिए 25 रुपये का प्रीमियम
अनुसूचित जाति (SC) के लाभार्थियों के लिए:
अनुसूचित जाति के पशुपालकों को इस योजना का लाभ बिना प्रीमियम चुकाए मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया:
- आवेदन फॉर्म प्राप्त करें: नज़दीकी पशुपालन विभाग या ग्राम पंचायत कार्यालय से फॉर्म लें।
- आवेदन फॉर्म भरें: आवश्यक जानकारी भरें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- प्रीमियम भुगतान करें: सामान्य वर्ग के लिए प्रीमियम राशि जमा करें।
- बीमा प्रमाण पत्र प्राप्त करें: सफल आवेदन के बाद, बीमा प्रमाण पत्र प्राप्त करें।
आवश्यक दस्तावेज़:
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- पशु की पहचान प्रमाण पत्र
- अन्य आवश्यक दस्तावेज़
बीमा क्लेम कैसे करें?
यदि बीमित पशु की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, तो पशुपालक को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
- मृत्यु की सूचना 24 घंटे के अंदर पशुपालन विभाग को दें।
- पशु चिकित्सक से मृत्यु प्रमाण पत्र लें।
- बीमा कंपनी को क्लेम के लिए आवेदन दें।
- जांच के बाद, बीमा राशि सीधे बैंक खाते में
-कौन से पशु इस बीमा योजना में कवर होते हैं?
इस योजना के तहत गाय, भैंस, बैल, घोड़ा, ऊंट, भेड़, बकरी और सूअर को बीमा कवर मिलता है। हर राज्य में पशु के बीमा की अधिकतम राशि अलग-अलग हो सकती है।
पशु का प्रकार | अधिकतम बीमा राशि (रु.) |
---|---|
भैंस | 88,000 |
गाय | 80,000 |
बैल | 75,000 |
घोड़ा | 40,000 |
ऊंट | 50,000 |
भेड़/बकरी | 5,000 |
सूअर | 5,000 |
महत्वपूर्ण बिंदु:
- बीमा कवरेज केवल आकस्मिक मृत्यु के लिए है; बीमारी या अन्य कारणों से मृत्यु पर कवरेज नहीं मिलेगा।
- बीमा करवाने के 21 दिनों के भीतर दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर ही कवरेज मिलेगा।
- इस योजना के माध्यम से, पशुपालक अपने पशुओं का बीमा कराकर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे किसी भी अप्रत्याशित घटना की स्थिति में उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।