अब ज्यादा पैसे वसूलेगा ATM: अगर आप अक्सर एटीएम से कैश निकालते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 मई 2025 से एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। खास बात ये है कि अब एटीएम से फ्री लिमिट के बाद पैसे निकालना आपको पहले से ज्यादा महंगा पड़ेगा। रिजर्व बैंक और बैंकों के निर्देश पर यह बदलाव किया जा रहा है, जिसका असर देशभर के करोड़ों ग्राहकों पर पड़ेगा।
क्या है नया नियम?
वर्तमान में बैंक अपने ग्राहकों को एक महीने में एक निश्चित संख्या तक एटीएम ट्रांजैक्शन की मुफ्त सुविधा देते हैं। इसके बाद हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर चार्ज लिया जाता है। फिलहाल यह चार्ज अधिकतम ₹21 प्रति ट्रांजैक्शन है। लेकिन 1 मई 2025 से यह चार्ज बढ़ाकर ₹25 प्रति ट्रांजैक्शन किया जा रहा है।
इसका मतलब है कि अगर आप फ्री लिमिट के बाद एटीएम से कैश निकालते हैं तो हर बार ₹25 अतिरिक्त चुकाने होंगे। यह चार्ज उस ट्रांजैक्शन की राशि के ऊपर जुड़कर आपके खाते से कटेगा।
फ्री लिमिट कितनी है?
फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या आपके बैंक और लोकेशन (मेट्रो या नॉन-मेट्रो शहर) पर निर्भर करती है। सामान्य तौर पर मेट्रो शहरों में 3 और नॉन-मेट्रो शहरों में 5 फ्री ट्रांजैक्शन दिए जाते हैं। इसके बाद हर कैश या नॉन-कैश ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त चार्ज लागू होता है।
चार्ज किस-किस ट्रांजैक्शन पर लगेगा?
- कैश विदड्रॉल (Cash Withdrawal)
- बैलेंस इंक्वायरी (Balance Enquiry)
- मिनी स्टेटमेंट (Mini Statement)
- पिन चेंज (PIN Change)
- इन सभी सेवाओं पर फ्री लिमिट खत्म होने के बाद चार्ज लगेगा।
बैंक का तर्क क्या है?
बैंकों का कहना है कि एटीएम की मेंटेनेंस, ऑपरेशन और सिक्योरिटी लागत में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर चार्ज बढ़ाना जरूरी हो गया है। इसके अलावा डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और कैशलेस ट्रांजैक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए भी यह कदम उठाया गया है।
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ग्राहकों पर क्या असर होगा?
इस बदलाव से उन लोगों को ज्यादा फर्क पड़ेगा जो हर महीने कई बार एटीएम से पैसे निकालते हैं या बार-बार बैलेंस चेक करते हैं। खासकर नौकरीपेशा, छोटे व्यापारियों, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों और बुजुर्गों को यह चार्ज बोझिल लग सकता है।
कैसे बच सकते हैं अतिरिक्त चार्ज से?
- UPI, इंटरनेट बैंकिंग, और मोबाइल बैंकिंग का अधिक इस्तेमाल करें।
- हर महीने फ्री लिमिट का ध्यान रखें और उसी के भीतर ट्रांजैक्शन करें।
- अगर जरूरत ना हो तो बार-बार बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट ना लें।
- बैंक की ऑफिशियल ऐप्स से जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष:
1 मई 2025 से लागू होने जा रहे एटीएम चार्ज के नए नियम आम जनता के खर्च को थोड़ा बढ़ा सकते हैं। हालांकि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की दिशा में यह कदम अहम माना जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने लेन-देन की प्लानिंग करें और डिजिटल माध्यमों का अधिक उपयोग करें।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी जेब पर असर कम पड़े, तो समय रहते अपने खर्च की रणनीति बदल लीजिए।