भारत सरकार ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में बड़ी पहल करते हुए शिक्षा क्षेत्र में AI के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इस मिशन का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को अधिक उन्नत, समावेशी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है। इस पहल के तहत शिक्षण, मूल्यांकन और अनुसंधान में AI तकनीकों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।
AI और शिक्षा का मेल
आज के डिजिटल युग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता न केवल औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में बल्कि शिक्षा क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। AI के माध्यम से शिक्षा प्रणाली को अधिक कुशल बनाया जा सकता है, जिससे छात्र अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार सीख सकें। AI-संचालित स्मार्ट क्लासरूम, चैटबॉट्स, वर्चुअल टीचर्स और पर्सनलाइज्ड लर्निंग जैसी सुविधाएं अब शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनने जा रही हैं।
सरकार इस मिशन के तहत AI Excellence Center स्थापित करेगी, जहां छात्रों और शिक्षकों को AI के व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, AI का उपयोग परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और दक्ष बनाने के लिए भी किया जाएगा।
AI से शिक्षा प्रणाली में क्या बदलाव आएंगे?
पर्सनलाइज्ड लर्निंग: AI की मदद से प्रत्येक छात्र की सीखने की गति और जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। इससे हर छात्र को अपनी क्षमताओं के अनुसार सीखने का अवसर मिलेगा।
स्मार्ट क्लासरूम और वर्चुअल टीचर्स: AI-सक्षम स्मार्ट क्लासरूम छात्रों को इंटरेक्टिव और दिलचस्प तरीके से पढ़ने की सुविधा देंगे। वर्चुअल टीचर्स भी छात्रों को 24/7 सहायता प्रदान कर सकते हैं।
एडवांस्ड असेसमेंट सिस्टम: AI के जरिए परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकता है। ऑटोमेटेड मूल्यांकन प्रणाली त्रुटियों को कम करके सही परिणाम प्रदान कर सकती है।
स्किल डेवलपमेंट: AI केंद्रों के माध्यम से छात्रों को डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और अन्य नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकें।
सरकार की अन्य योजनाएँ
इसके अलावा, सरकार अगले पांच वर्षों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित करने की योजना बना रही है, जहां छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) विषयों में नवाचार करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का भी लक्ष्य रखा गया है, जिससे डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।