EPFO Rules: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक ऐसा फंड है जो नौकरीपेशा लोगों की भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसे EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित किया जाता है। EPF अकाउंट में हर महीने कर्मचारी की सैलरी से 12% और नियोक्ता की ओर से भी 12% योगदान होता है। इस फंड में जमा राशि को आप विशेष परिस्थितियों में आंशिक रूप से निकाल सकते हैं। आइए जानें किन परिस्थितियों में, कब और कितना पैसा (EPFO Rules) निकाला जा सकता है:
1. शादी के लिए पैसा निकालना
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कब: कर्मचारी, उसके भाई-बहन, बेटे-बेटी या खुद की शादी के लिए।
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योग्यता: कम से कम 7 साल तक EPF में योगदान किया हो।
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राशि: EPF बैलेंस का 50% तक।
2. घर खरीदने या निर्माण के लिए
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कब: घर या फ्लैट की खरीद या निर्माण हेतु।
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योग्यता: कम से कम 5 साल तक EPF में योगदान।
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राशि: कर्मचारी और नियोक्ता (EPFO Rules) के संयुक्त योगदान का 90% तक।
3. घर की मरम्मत के लिए
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कब: अपने स्वामित्व वाले घर की मरम्मत के लिए।
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योग्यता: घर कम से कम 5 साल पुराना हो और कर्मचारी का EPF में 10 साल योगदान।
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राशि: EPF बैलेंस का 12 गुना या कुल योगदान का 100% तक।
4. स्वास्थ्य या मेडिकल इमरजेंसी
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कब: कर्मचारी, उसके जीवनसाथी, माता-पिता या बच्चों की गंभीर बीमारी के इलाज के लिए।
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योग्यता: कोई न्यूनतम सेवा अवधि नहीं।
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राशि: कर्मचारी का अपना पूरा हिस्सा + ब्याज (6 महीने की सैलरी या कुल योगदान का जो भी कम हो)।
5. रोजगार में ब्रेक या बेरोजगारी
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कब: अगर कर्मचारी एक महीने से ज्यादा बेरोजगार है।
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राशि: एक महीने बेरोजगारी पर 75% तक, दो महीने से अधिक पर पूरा बैलेंस निकाला जा सकता है।
6. सेवानिवृत्ति से पहले निकासी
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कब: 58 साल की उम्र से एक साल पहले।
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राशि: कुल EPF बैलेंस का 90% तक।
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महत्वपूर्ण बातें:
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निकासी के लिए UAN एक्टिव और KYC (आधार, पैन, बैंक) अपडेट होना चाहिए।
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EPFO की Unified Member Portal पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
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निकासी का कारण प्रमाणित होना चाहिए जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट, शादी का निमंत्रण पत्र आदि।
EPFO के ये नियम आपके पैसों की सुरक्षा और आवश्यकता (EPFO Rules) के समय सहायता के लिए बनाए गए हैं। जरूरत के अनुसार सही कारण से निकासी करना समझदारी है।